जो तुम्हारा लक्ष्य है!
अपूर्णता का पूर्ण अंधकार समक्ष है
इस घूमती धुरी का कौन सा अक्ष है
क्यों डूब गया हृदय गहन चिंतन में
सिर्फ वही देखो जो तुम्हारा लक्ष्य है।
अर्जुन के भांति देख चिड़िया की आंख
कृष्णा की भांति सारथी तू रथ हांक
चिरविराम तक अविराम उद्देश्य देख
यही तेरे जीवन का इकलौता पक्ष है
क्यों डूब गया हृदय गहन चिंतन में
सिर्फ वही देखो जो तुम्हारा लक्ष्य है।
मुक्त कर स्वयं को बंधनों से, उड़ने दे
कदम आगे बढ़ा फिर कभी न मुड़ने दे
कर दे चकित इस जहां को,चमत्कार कर
जीवन की राह पर स्वयं को बनाना सक्ष है
क्यों डूब गया हृदय गहन चिंतन में
सिर्फ वही देखो जो तुम्हारा लक्ष्य है।
पतन और उत्थान तो मात्र जीवन पथ हैं
अवनत निर्झर समान जीवन सदा उन्नत है
ना चिंता कर मार्ग की, ये अवरोध है क्या
यम भी न रोक सके, करना इतना दक्ष है
क्यों डूब गया हृदय गहन चिंतन में
सिर्फ वही देखो जो तुम्हारा लक्ष्य है।
#MJ
#प्रतियोगिता
Seema Priyadarshini sahay
13-Nov-2021 04:44 PM
बहुत खूबसूरत
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Niraj Pandey
12-Nov-2021 08:12 PM
वाह जबरदस्त👌👌
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मनोज कुमार "MJ"
13-Nov-2021 06:14 AM
Bahut dhanyawad aapka
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Swati chourasia
12-Nov-2021 07:27 PM
वाह भाई क्या बात है बहुत ही खूबसूरत रचना है आपकी👌👌
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मनोज कुमार "MJ"
13-Nov-2021 06:14 AM
बहुत धन्यवाद स्वाति जी😇
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